Consultation in Corona Period-268 Pankaj Oudhia पंकज अवधिया

Consultation in Corona Period-268





Pankaj Oudhia पंकज अवधिया


"सबसे पहले जब ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या होनी शुरू हुई तो इसके लिए मेरे menopause को जिम्मेदार माना गया और मुझे कई तरह के कैल्शियम सप्लीमेंट दिए गए और कहा गया कि मैं अधिक समय धूप में बिताऊँ ताकि विटामिन डी की किसी भी तरह से कमी न हो। मुझसे यह भी कहा गया कि अब 50 की उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस को रोक पाना संभव नहीं है इसीलिए इसके साथ ही जीना होगा और कई तरह के उपाय अब आजीवन करने होंगे। 

उसके बाद मुझे कई तरह की समस्याएं होने लगी। जब मैंने जांच कराई तो मुझे पता चला कि मेरी रक्त वाहिकाओं में ब्लॉकेज हो रहा है जिससे बहुत सारे अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभाव हृदय पर हुआ और हृदय की दवा शुरू हो गई। इसे भी menopause का कॉम्प्लिकेशन कहा गया। मैंने योगा करना शुरू किया और साथ में ध्यान लगाना भी। मैंने आयुर्वेद का सहारा लिया और सादा जीवन जीने लगी। नई समस्या के रूप में मुझे थायराइड की समस्या होने लगी। यह समस्या आम थी इसलिए आम दवाओं की सहायता से इसका प्रबंध किया गया पर जब मैंने हाल ही में अमेरिका की यात्रा की और मेरे थायराइड की जांच करने के बाद चिकित्सकों ने कहा कि अब थायराइड में कैंसर पनपने लगा है और इसकी गहन चिकित्सा की जरूरत है तब मैंने समझ लिया कि अब मेरा जीवन समाप्ति की ओर है। 

एक के बाद एक विकट समस्या आती जा रही थी और उनका कोई समाधान नजर नहीं आ रहा था। बस उन्हें मैनेज करने के लिए नई-नई दवाएं दी जा रही थी और मेनोपॉज को ही दोष दिया जा रहा था। मेरी हमउम्र कई सहेलियां हैं। वे सब इस अवस्था से गुजर रही है पर उन्हें तो इस तरह की कोई समस्या नहीं हो रही है ऐसा सोच कर मैंने सोचा कि मैं अपनी ओर से पूरे प्रयास करूंगी और एड़ी चोटी का जोर लगा दूंगी। 

मैंने हरिद्वार का रुख किया। फिर वहां जब मुझे आपके बारे में पता चला तो मैंने निश्चय किया कि मैं एक बार आपसे जरूर मिलूंगी और पारंपरिक चिकित्सा के सहारे अपनी समस्या का समाधान करने की कोशिश करूंगी। आपने मुझे भेजे हुए संदेश में लिखा है कि बेहतर तो यही होगा कि आप अपने चिकित्सक के साथ आएं। मैं आपसे मिलने अपने चिकित्सक के साथ आऊंगी। एक नहीं बल्कि 2 चिकित्सक के साथ। मेरे पति और मेरे देवर दोनों ही चिकित्सक हैं और दोनों ही मेरी चिकित्सा कर रहे हैं। आप जब भी समय देंगे हम लोग आपसे मिलने आ जाएंगे।" मुंबई से जब यह संदेश आया तो मैंने उन संभ्रांत महिला से कहा कि क्या यह संभव है कि आप सुबह 6 बजे मुझसे मिल सके। उन्होंने मंजूरी दे दी और नियत समय पर वे तीनों मुझसे मिलने आ गए। इससे पहले उन्होंने रिपोर्ट भेज दी थी और सारी समस्याओं की सूची भी। उन्होंने खानपान की भी जानकारी दी थी और उनके द्वारा लंबे समय से प्रयोग की जा रही दवाओं की भी। 

उन महिला से अनुमति लेने के बाद मैंने कहा कि जड़ी बूटियों का एक लेप पैरों की छोटी अंगुलियों में लगाना होगा जिससे कि मैं यह पता लगा सकूँ कि आपको इस तरह के लक्षण क्यों आ रहे हैं और थायराइड में तरह-तरह के विकार क्यों उत्पन्न हो रहे हैं?

 मेरी बात सुनकर उनके पति और देवर ने कहा कि हम भी यह लेप लगाना चाहेंगे यदि आपको किसी प्रकार की आपत्ति न हो तो। इसमें भला क्या आपत्ति हो सकती थी इसलिए मैंने अपनी सहमति दे दी और उन तीनों के पैरों की छोटी अंगुलियों में लेप लगा दिया और प्रतिक्रिया का इंतजार करने लगा। यह प्रतिक्रिया जीभ में आने वाली थी इसलिए मैंने उनसे कहा कि आपको जीभ में किसी भी तरह का कोई एहसास हो तो आप तुरंत मुझे बताएं और अपनी जीभ मुझे दिखाएं। पहली प्रतिक्रिया महिला की जीभ में हुई जो कि 3 मिनट के अंदर हो गई। मैंने उनसे कहा कि अब आप अपने पैरों को धो लें और आराम से बैठ जाएं। 15 मिनट के बाद उनके देवर ने प्रतिक्रिया की और अपनी जीभ दिखाई। 16 मिनट के बाद उनके पति ने इसी तरह की प्रतिक्रिया की। इस तरह परीक्षण की प्रक्रिया समाप्त हुई। 

परीक्षण के परिणाम बिल्कुल स्पष्ट थे पर मुश्किल इस बात की थी कि उन्होंने जिन खानपान की सामग्रियों का उल्लेख किया था उनमें वह सामग्री नहीं थी जिसकी विषाक्तता के कारण इस तरह के लक्षण आ रहे थे। मैंने उनसे बार-बार पूछा और यह भी कहा कि यदि आप किसी तरह की जानकारी मुझसे छुपा रही है तो मुझे बता दीजिए ताकि मैं आपको सरल समाधान बता सकूं। मुझे लगता है आपको किसी तरह की दवा की जरूरत नहीं है।

 यदि आप खानपान में ही थोड़ा सा सुधार करेंगी तो आपकी न केवल थायराइड की समस्या बल्कि हृदय और ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या का भी पूरी तरह से समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने जितनी जानकारी देनी चाहिए थी वह दे दी है और इसके अतिरिक्त उनके पास किसी भी तरह की जानकारी नहीं है। बहुत अधिक पीछे पड़ने पर उन्होंने कहा कि वे एक पारंपरिक चिकित्सक से अपने सिर दर्द के लिए एक दवा ले रही है। ऐसा कहकर उन्होंने उस पारंपरिक चिकित्सक के फार्मूले के बारे में पूरी जानकारी दे दी। मैंने जब फार्मूले का ठीक ढंग से अध्ययन किया तो उसमें किसी भी प्रकार का दोष नजर नहीं आया। मैंने फिर से उनके द्वारा प्रयोग की जा रही है खानपान की सामग्रियों पर अपना ध्यान फोकस किया पर किसी भी तरह की कोई सफलता नहीं मिली।

 काफी सोच विचार कर मैंने उनसे कहा कि मैं एक और छोटा सा परीक्षण करना चाहता हूं जिसमें कि उन्हें 5 तरह की वनस्पतियों को चखकर उनका स्वाद बताना होगा। वे सब इस बात के लिए तैयार हो गए और जल्दी ही वह परीक्षण भी पूरा हो गया। इस परीक्षण के भी वही परिणाम आ रहे थे जो कि पहले वाले परीक्षण के आए थे। काफी सोच विचार विचार कर मैंने उन तीनों से कहा कि आप दूसरे दिन दस बजे सुबह मुझसे मिलने आएं। मैं आपकी समस्या का समाधान करने की कोशिश करूंगा।

जब वे जाने लगे तो मैंने उनसे कहा कि आज शाम को मेरे मित्र के फार्म हाउस में एक पार्टी है। अगर आप सब उसमें शामिल होना चाहे तो आपका स्वागत है। मेरे मित्र को किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है बल्कि उन्हें खुशी ही होगी। यह एक पोटैटो पार्टी है और इस पार्टी में सभी तरह के व्यंजन आलू से ही तैयार किए जाएंगे।

 उन महिला ने तुरंत ही इसकी सहमति दे दी और कहा कि उन्हें खुशी होगी। मैंने उनसे कहा कि आप 1 घंटे बाद मुझे फोन करें तब मैं बता पाऊंगा कि वह पार्टी कहां पर है और आप लोगों को लेने कितने बजे गाड़ी आएगी।

 1 घंटे से पहले ही उनका फिर से फोन आ गया तब मैंने उनके फोन को नहीं उठाया। फिर लगातार कई बार घंटी बजती रही। 2 घंटे के इंतजार के बाद जब मैंने फोन को किसी भी तरह से नहीं उठाया तब मेरे गार्ड ने आकर मुझे बताया कि जो लोग सुबह मुझसे मिलने आए थे वे लोग फिर से आ गए हैं। मैंने गार्ड से कहा कि उनको कल का समय दिया है। उन्हें विनम्रतापूर्वक लौटा दे और कह दे कि अभी दूसरे परामर्श के कार्य में व्यस्त है पर उन्होंने गार्ड की बात नहीं सुनी और उसे लगभग धक्का देते हुए घर के अंदर घुस गए।

 मैंने पूछा कि बताएं आपको क्या समस्या है तब उन महिला ने कहा कि आप पोटैटो पार्टी की जानकारी हमें देने वाले थे। आप फोन नहीं उठा रहे हैं। यदि इस पार्टी में जाने का किसी तरह का शुल्क है तो हम उसे भी देने के लिए तैयार हैं पर हम इस पार्टी को मिस नहीं करना चाहते हैं। उनके इस अजीब से व्यवहार के लिए उनके पति और उनके देवर ने माफी मांगी। मैंने कहा कि मुझे भी अभी उस पार्टी के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। जब भी मुझे इस पार्टी के बारे में पूरी जानकारी होगी। मैं आपको तुरंत ही बता दूंगा। उनके पति और देवर उनको मना कर वापस ले गए।

 उसके बाद मैं एक आवश्यक कार्य के लिए घर से बाहर चला गया और फिर देर शाम को लौटा। रास्ते में गार्ड का फोन आया और गार्ड ने बताया कि वह मैडम तो सुबह से घर के सामने ही बैठी हैं कई घंटे हो गए पर वह आपका इंतजार कर रही है। जब मैं घर पहुंचा तो उनको पाकर मुझे आश्चर्य नहीं हुआ। मैंने उनसे कहा कि पार्टी कैंसिल हो गई है और अगली बार जब आप आएंगे तो मैं आपको जरूर आमंत्रित करूंगा। उनके चेहरे में घोर निराशा छा गई और निराश होकर अगले दिन मिलने की बात कहकर वापस लौट गई।

 अगले दिन जब फिर से मुलाकात हुई तो मैंने उनसे पूछा कि क्या आपको ऐसा लगता है कि आपके शरीर में बहुत सारी छोटी-छोटी पिनों को चुभोया जा रहा है और आपको असहनीय पीड़ा होती है तब उन्होंने इस बात की पुष्टि की। फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या आपको खाना खाने के बाद विशेषकर 1 घंटे के बाद पूरे शरीर में खुजली होने लग जाती है जो कि 2 से 3 घंटे के बाद अपने आप ठीक हो जाती है। उन्होंने इसमें भी सहमति जताई। अब सारा मामला स्पष्ट हो चुका था। 

मैंने साफ शब्दों में उनके पति को बताना शुरू किया कि यह सोलेनिन टाक्सीसिटी के लक्षण है और मुझे लगता है कि इसमें चाकोनिन का बड़ा योगदान है। जब सोलेनिन शरीर में अधिक मात्रा में पहुंचता है तो वह शरीर में कैल्शियम की कमी कर देता है। कैल्शियम की कमी के कारण ही आपकी पत्नी को ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो रही है। इसके लिए उनका मेनोपॉज जिम्मेदार नहीं है बल्कि सोलेनिन की अधिक मात्रा की उपस्थिति है। मैंने उन्हें यह भी बताया कि सोलेनिन नामक विष रक्त वाहिकाओं में जमा हो जाता है और रक्त के प्रवाह में बाधा पहुंचाने लग जाता है। इससे कई तरह के अंग काम करना बंद करने लग जाते हैं जिनमें कि हृदय प्रमुख है। इनकी हृदय की समस्या के लिए भी मेनोपॉज जिम्मेदार नहीं है बल्कि सोलेनिन टॉक्सिसिटी के कारण ऐसा हो रहा है। यह विष बड़ी मात्रा में थायराइड में भी एकत्र हो जाता है इसलिए थायराइड कैंसर जैसे विकार उत्पन्न हो जाते हैं जो कि बाद में लाइलाज हो जाते हैं। यदि आप कुछ मिलीग्राम की अल्प मात्रा में भी सोलेनिन विष अपने शरीर में एकत्र करेंगे प्रतिदिन तो उसकी आधी मात्रा को शरीर से बाहर निकलने में दो से ढाई महीने का समय लग जाता है। यह विष शरीर में उपस्थित रहकर कई तरह के विकार उत्पन्न करता है। 

कल मैंने बार-बार आपकी पत्नी से पूछा कि क्या वे किसी तरह की बात मुझसे छुपा रही है तो उन्होंने कहा कि वे कुछ भी नहीं छुपा रही है जबकि उन्होंने एक बड़ा सत्य मुझसे छुपाया कि वे आलू की बहुत बड़ी फैन है और बहुत अधिक मात्रा में आलू का सेवन करती हैं। कल पार्टी की बात तो मैंने झूठ मूठ में ही कही थी। यह जानने के लिए कि आलू के प्रति उनका कितना झुकाव है। उनकी प्रतिक्रिया देखकर मैं दंग रह गया और सोचने लगा कि आखिर क्यों नहीं वे बताना चाह रही है कि वे इतनी अधिक मात्रा में आलू का प्रयोग करती हैं।

 उनके पति ने बड़े ध्यान से मेरी बात सुनी और फिर कहा कि आलू के अधिक प्रयोग के लिए वे लगातार अपनी पत्नी को मना करते रहते हैं और उनके कई चिकित्सकों ने भी उन्हें अधिक मात्रा में आलू के प्रयोग से मना किया है। यही कारण है कि अब वे किसी  चिकित्सक से मिलती हैं तो उन्हें बिल्कुल भी नहीं बताती है कि वे आलू की शौकीन है। आप तो अपने विषय में पारंगत है इसलिए आपने अपने परीक्षण के माध्यम से जान लिया कि यह सोलेनिन टॉक्सिसिटी है और मेरी पत्नी अधिक मात्रा में आलू का प्रयोग कर रही है अन्यथा यह बात आपको कभी भी पता नहीं चलती। मैंने उनकी पत्नी से कहा कि आप न केवल आलू का अधिक प्रयोग कर रही हैं बल्कि ऐसे आलू का प्रयोग कर रही है जो कि बहुत कठोर है और ठीक से तैयार नहीं हुआ है तब उन्होंने कहा कि हां, आजकल तो अच्छा आलू मिलता नहीं है और जो आलू मिलता है उसे अच्छे से पकाना संभव नहीं हो पाता। कितनी भी देर तक उसे उबालो वह पूरी तरह से पकता नहीं है। मैंने उनसे कहा कि यही कारण है कि आपकी समस्या और उग्र हो गई। इस समस्या को और अधिक उग्र बनाने के लिए आपके पारंपरिक चिकित्सक की उस दवा ने काम किया जिसमें कि काकमाची का प्रयोग किया गया है। काकमाची में भी प्राकृतिक रूप से सोलेनिन अधिक मात्रा में होता है और यदि उसका ठीक से शोधन नहीं किया गया तो वह सोलेनिन टॉक्सिसिटी के मामलों में उग्रता पैदा कर देता है। यही आपके साथ हुआ।

 मैंने उन्हें साफ शब्दों में कहा कि आप आलू का प्रयोग धीरे-धीरे करके पूरी तरह से बंद कर दें। आपको 5 से 6 महीने में परिणाम दिखना शुरू होगा और आप को न केवल ऑस्टियोपोरोसिस, हृदय की समस्या बल्कि थायराइड के कैंसर से भी पूरी तरह से मुक्ति मिल जाएगी।

 मैंने उन्हें पांच तरह के मेडिसिनल राइस दिए जो कि ब्लैक राइस थे और कहा कि वे इन्हें रात भर पानी में डूबा कर रखें और सुबह खाली पेट इस पानी को लें। इससे सोलेनिन टॉक्सिसिटी धीरे धीरे कम होगी और उन्हें इन समस्याओं से उबरने में सहायता मिलेगी।

 लंबे समय तक वे लगातार संपर्क में रही और बताती रही कि उनकी समस्या का धीरे-धीरे समाधान हो रहा है। उन्होंने आलू का प्रयोग अब बिल्कुल ही कम कर दिया है।

 कुछ दिनों पहले जब उनका यह फोन आया है कि अब उनकी समस्या का पूरी तरह से समाधान हो गया है तो मैंने उनसे कहा कि मेरे मित्र फिर से पोटैटो पार्टी कर रहे हैं। क्या आप उसमें आना चाहेंगी? वे आपको आने-जाने का खर्च देने को भी तैयार है तब उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि वे अगले जन्म में इस पार्टी को अटेंड करेंगी।

 इस जन्म में तो यह संभव नहीं है। 


सर्वाधिकार सुरक्षित




Comments

Popular posts from this blog

गुलसकरी के साथ प्रयोग की जाने वाली अमरकंटक की जड़ी-बूटियाँ:कुछ उपयोगी कड़ियाँ

कैंसर में कामराज, भोजराज और तेजराज, Paclitaxel के साथ प्रयोग करने से आयें बाज

भटवास का प्रयोग - किडनी के रोगों (Diseases of Kidneys) की पारम्परिक चिकित्सा (Traditional Healing)