हड्डी के कैंसर की दवा से हल्का बुखार, फार्मूले में करें तुरंत सुधार
हड्डी के कैंसर की दवा से हल्का बुखार, फार्मूले में करें तुरंत सुधार
पंकज अवधिया
“फार्मूलों में सुधार” इस विषय में
रूचि रखने वाले शोध दलों की कतार अंतहीन होती जा रही है. इन्होने अगले तीन वर्षों
तक के परामर्श का समय ले रखा है. इनके फार्मूले सभी रोगों से सम्बन्धित हैं पर
मेरी प्राथमिकता कैंसर के फार्मूलेश्न्स में सुधार की है ताकि असंख्य रोगियों को
कैंसर की कारगर दवा जल्दी से जल्दी उपलब्ध हो सके.
नेपाल से लम्बी यात्रा करके आये आपके शोध दल का स्वागत है. आपने कैंसर के लिए
नया फार्मूला विकसित किया है जिसमे भारतीय जड़ी-बूटियों का प्रयोग किया गया है. आप
सब पिछले बारह वर्षों से इसके विकास में लगे हैं. आपको लगता है कि अब आपका
फार्मूला परफेक्ट हो गया है. सारी जानकारियों के साथ आपने मुझसे फीस देकर मिलने का
समय लिया है. आपका स्वागत है.
आपने बताया कि आपका फार्मूला हड्डी के कैंसर की आरम्भिक अवस्था में कारगर है.
आपने जंगली बादाम पर आधारित फार्मूला बनाया है जिसके बारे में आधारभूत जानकारी
चिकित्सा से सम्बन्धित प्राचीन ग्रंथो से एकत्र की है.
इसमें आप अस्सी जड़ी-बूटियों का प्रयोग कर रहे हैं. आपने अपने प्रयोगों के
दौरान यह पाया कि इस फार्मूले से रोगियों को लाभ तो हो रहा है पर कुछ स्वास्थ
समस्याएं भी हो रही हैं. इसकी सूची आपने मुझे दी है.
इस फार्मूले को जब रोगियों को दिया जाता है तो रोगी के शरीर का तापमान शाम के
वक्त बढ़ जाता है. डाक्टर इसे माइल्ड फीवर की श्रेणी में रखते हैं. रोगी को यह
महसूस नही होता है पर उसके स्वभाव में चिडचिडाहट आ जाती है.
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि इस समस्या का मूल कारण फार्मूले में उपस्थित धौरा
नामक वृक्ष की छाल और जरायन की पत्तियों के बीच होने वाली प्रतिक्रिया है. मैं
आपको यही सलाह देना चाहता हूँ की आप जरायन को फार्मूले से पूरी तरह से हटा दें. ये
भारतीय नही विदेशी वनस्पति है और इसकी उपस्थिति बहुत से फार्मूलों को दोषपूर्ण बना
देती है.
फार्मूले के साथ दूसरी समस्या रोगियों के निचले जबड़े से जुडी हुयी है. आपने
बताया कि दवा लेने के दो घंटों के बाद रोगियों का जबड़ा अपने आप हिलने लगता है और
उनके दांत टूटने लगते हैं. यह कम्पन आधुनिक दवाओं से कम हो जाती है पर पूरी तरह से
नही रुकती है.
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि इस समस्या का मूल कारण फार्मूले में उपस्थित अगर,
तगर और उग्रगंधा के बीच हो रही नकारात्मक प्रतिक्रिया है. आप फार्मूले में मंडूकपर्णी
शामिल कर देंगे तो आपकी इस समस्या का समाधान हो जाएगा.
आप खेतों में उगने वाली मंडूकपर्णी की बजाय जंगल से एकत्र की गयी मंडूकपर्णी
का प्रयोग करें. खेती से उगाई जाने वाली मंडूकपर्णी में जब कीटनाशकों का प्रयोग
किया जाता है तब यह दोषयुक्त हो जाती है और जब इसका प्रयोग किया जाता है तो
अनिद्रा की शिकायत हो जाती है.
मैंने आपके फार्मूले से बाईस जड़ी-बूटियाँ हटा दी हैं. अब यह फार्मूला दोषमुक्त
हो गया है. आप अपना परीक्षण जारी रखें. आपने अगले वर्ष इसी तारीख का समय पहले से
ले लिया है. मुझे विश्वास है कि उस सम्स्य तक आपका फार्मूला सही मायने में परफेक्ट
हो जाएगा.
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं .
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कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000
घंटों से अधिक अवधि की फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं.
सर्वाधिकार सुरक्षित
E-mail: pankajoudhia@gmail.com
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