कैंसर में सफ़ेद मूसली करे विकार, आवश्यक है फार्मूले में सुधार

कैंसर में सफ़ेद मूसली करे विकार, आवश्यक है फार्मूले में सुधार
पंकज अवधिया  



कैंसर के लिए सफेद मूसली पर आधारित मिध्रण आपने बनाया है  पर आपको इस बात का ध्यान रखना भी जरुरी है कि सफेद मूसली की बहुत सी जडी बूटियों के साथ नकारात्मक प्रतिक्रिया होती है जिससे लाभ के स्थान पर हानि हो सकती है.

आप कुचैत से आये हैं और पिछले दस वर्षों से आप का शोध दल कैंसर की दवा विकसित करने में लगा हुआ है  आपको मेरे बारे में जानकारी इंटरनेट से मिली. आप अपने फार्मूले में सुधार करना चाहते है. आप मुझसे मिलने भारत आये हैं . आपका स्वागत है.

आपने बताया कि आपने फार्मूले में तीस प्रकार की जडी बूटियाँ मिलाई हैं आपने इन घटकों के बारे में विस्तार से बताया है.

मैं आपको बताना चाहता हूँ कि आपका फार्मूला सोराईसिस के रोगियों के लिए ठीक नहीं है. ऐसा फार्मूले में लतापलाश की उपस्थिति के कारण है. आप फार्मूले से इसे हटा दीजिये.

आप फार्मूले में गगेरन का प्रयोग कर रहे हैं. सफेद मूसली के साथ इसका प्रयोग वात रोगों से परेशान रोगियों की समस्याओं को बढ़ा देगा. आप इसे भी फार्मूले से हटा दीजिये.

आपके फार्मूले में गटारन का प्रयोग किया गया है जिसके कारण रोगियों को हाथ-पैरो में जलन की शिकायत हो सकती है. आप इसके स्थान पर केवटी का प्रयोग कर सकते हैं.

आप फार्मूले में जंगली भिन्डी का प्रयोग कर रहे हैं . इसके साथ आप बाकुची का प्रयोग भी कर रहे है. ये दोनों घटक सफेद मूसली के साथ मिलकर रोगियों की मानसिक दशा को बिगाड सकते हैं. मैं आपको यही सलाह देना चाहता हूँ कि आप इन दोनों घटकों में से एक का प्रयोग करें.  

मैंने आपके फार्मूले में नौ जड़ी बूटियाँ जोड़ दी हैं. इससे आपका फार्मूला और अधिक कारगर हो जाएगा.        

मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं .
-=-=-
कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा पर पंकज अवधिया द्वारा तैयार की गयी 1000 घंटों से अधिक अवधि की  फिल्में आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं. 
सर्वाधिकार सुरक्षित

-=-=- 

Comments

Popular posts from this blog

गुलसकरी के साथ प्रयोग की जाने वाली अमरकंटक की जड़ी-बूटियाँ:कुछ उपयोगी कड़ियाँ

कैंसर में कामराज, भोजराज और तेजराज, Paclitaxel के साथ प्रयोग करने से आयें बाज

भटवास का प्रयोग - किडनी के रोगों (Diseases of Kidneys) की पारम्परिक चिकित्सा (Traditional Healing)