क्या पैराप्लेजिया से प्रभावितों की गुजारिश सुन उन्हें राहत दे पायेगा पारम्परिक ज्ञान?
पारम्परिक चिकित्सकीय ज्ञान के साथ मेरी जीवन यात्रा-3
- पंकज अवधिया
क्या पैराप्लेजिया से प्रभावितों की गुज़ारिश सुन उन्हें राहत दे पायेगा पारम्परिक ज्ञान?
मोटरसाइकिल पर जा रहे उस व्यक्ति को ट्रक ने ठोकर मारी और उसका सिर फट गया| वह बेसुध होकर गिर पडा| जब उसे अस्पताल पहुंचाया गया तो उसके बचने की उम्मीद नहीं के बराबर थी| डाक्टरों ने अथक मेहनत से उसकी जान तो बचा ली पर इस दुर्घटना ने उसे लाचार बना दिया| कंधे के नीचे रीढ़ पर आयी चोट ने उसके नीचे के भाग को सुन्न कर दिया पूरी तरह से| उसके परिजनों ने एडी चोटी का जोर लगा दिया पर दो वर्षों में बाद वे निराश हो गए| उस व्यक्ति को भी यह आभास हो गया कि अब ऐसे ही उसे जिन्दगी काटनी होगी| मल-मूत्र के विसर्जन से लेकर सभी दैनिक कार्यों के लिए उसे एक मददगार की जरूरत पड़ेगी| यह घटना १५ वर्ष पुरानी है| आज सुबह मैं उस जीवन से संघर्ष कर रहे व्यक्ति के सामने खड़ा था|
पिछली रात बड़ी विचित्र सपनो से भरी थी| नियमित आठ घंटे की नींद साढ़े पांच घंटों में ही समाप्त हो गयी| उस व्यक्ति से मिलने जाने की आज कोई योजना नहीं थी पर अचानक ही मन में ख्याल आया कि आज उससे मिल ही लिया जाए| घर से साठ-सत्तर किलोमीटर की दूरी कार से तय करनी थी| ड्रायवर को बुला लिया और फिर वहां की राह पकड़ी|
इस व्यक्ति के दोनों हाथ काम कर रहे हैं ऐसा मुझे बताया गया पर आम लोगों की तरह नहीं| मेडीकल साइंस में इसे पैराप्लेजिया (Paraplegia) कहते हैं| ज्यादातर केसों में चिकित्सक हाथ खड़े कर देते हैं और प्रभावितों को जीवन की कठिन राह में चलाने के लिए प्रेरित किया जाता है| प्रभावितों के परिजन भी पहले बहुत प्रयास करते हैं फिर जीवन के इस सच को स्वीकार लेते हैं| आयुर्वेद और दूसरे देसी पद्धतियों में आमतौर पर ऐसे मरीजों की मालिश की जाती है ताकि सुन्न भाग फिर से सक्रीय हो जाए पर ज्यादातर मामलों में लाभ नहीं के बराबर होता है| अंत में देसी चिकित्सक भी हाथ खड़े कर देते हैं| आधुनिक विज्ञान में लाइलाज कहे जाने वाले इस मर्ज के प्रति मेरी दिलचस्पी काफी पहले से है| इस दिलचस्पी ने मुझे प्रेरित किया कि मैं ऐसी जड़ी-बूटियों की खोज में एडी चोटी का जोर लगाऊँ जो प्रभावितों को कुछ राहत दिलवा सके| मैंने भुलाई जा चुकी पारम्परिक चिकित्सा विधियों को फिर से प्रयोग में लाने का भी प्रयास किया| मैं पैराप्लेजिया से प्रभावितों के बारे में जानकारी मिलते ही उनसे मिलने का प्रयास करता हूँ और फिर अपनी सेवायें देने का प्रस्ताव रखता हूँ| अब तक के सभी मामलों में मेरा स्वागत ही हुआ है और मैंने उनका जीवन आसान करने में अपने ज्ञान का भरपूर उपयोग किया है|
सबसे पहले मैं प्रभावित की वास्तविक स्थिति जानने का प्रयास करता हूँ| इसके लिए मेरे पास दसों औषधीय मिश्रण हैं जिन्हें शरीर के अलग-अलग भागों में लगाकर मै प्रभावितों के शरीर में होने वाली प्रतिक्रियाओं का अध्ययन करता हूँ और जैसे ही सही स्थिति का पता लगता है अनोखी चिकित्सा आरम्भ हो जाती है| अनोखी इसलिए क्योंकि इस चिकित्सा के बारे में हमारे प्राचीन और आधुनिक ग्रन्थ कुछ भी नहीं कहते हैं जबकि इन्ही ग्रंथों में वर्णित मूल सिद्धांतों पर चिकित्सा आधारित होती है| अनोखी इस लिए भी क्योंकि हर प्रभावित के लिए यह विशेष हो जाती है| पूरी तरह व्यक्ति विशेष के लिए तैयार की गयी उपचार विधि| एक मायने में अनोखी इसलिए भी कि इस उपचार को समय में नहीं बांधा जा सकता| जब मैं सालों में लाभ की उम्मीद करता हूँ तो बहुत बार प्रभावितों की जीवनी शक्ति के कारण हफ़्तों में अच्छे परिणाम मिलने लगते हैं| कई बार अच्छी शुरुआत कुछ समय बाद जस की तस रुक जाती है और फिर शुरू होता है दौर उपचार को और अधिक कारगर बनाने का|
आज भी जब परीक्षण के लिए उपयोग किये गए औषधीय मिश्रणों ने सकारात्मक परिणाम दिखाए तो मन में उत्साह का संचार हुआ और पहली मुलाक़ात में ही मैंने बहुत से सरल उपाय उन्हें सुझाए| बरसों से दबी उम्मीद की किरण बादलों की ओट से झांकती नजर आयी| मैं जिस अनोखी पद्धति पर काम करता हूँ उसके लिए आवश्यक सामग्री बड़ी मुश्किल से मिलती है| प्रभावितों के परिजन हाथ खड़े कर देते हैं और अनुरोध करते हैं ये सामग्री मैं ही ले आऊँ| इन सामग्रियों के लिए जंगलों और दूरस्थ इलाकों में भटकना निश्चित ही नए अनुभव प्राप्त करने का मौक़ा देता है पर इससे दूसरे प्रभावितों तक पहुंचने के अवसर कम हो जाते हैं| प्रभावितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मुझे लगता है कि कुछ व्यवस्थित ढंग से काम करना होगा ताकि सामग्रियां भी मिल जाएँ और नए लोगों से मुलाक़ात भी हो जाए|
देर शाम वापस लौटा तो घर में एक नयी फिल्म इन्तजार कर रही थी| यह फिल्म थी गुजारिश| पैराप्लेजिया से अधिक जटिल क्वाद्रीप्लेजिया (Quadriplegia) के मरीज की कहानी| ऋतिक रोशन ने इस किरदार को बखूबी निभाया है| मुझे तो बस वास्तविक जीवन में इस फिल्म के नायक से अधिक कष्ट सह रहे उस व्यक्ति का चेहरा घूमता रहा जिससे मैं मिलकर आ रहा था| काफी देर तक मन उदास रहा| फिल्म चलती रही और फिर उसके खत्म होते ही मैंने अपने डेटाबेस को खंगालना शुरू किया ताकि मैं उस व्यक्ति को अधिकतम लाभ पहुंचा सकूं और मेडीकल साइंस की डिक्शनरी से लाइलाज रोगों की सूची सदा के लिए खत्म कर सकूं| (क्रमश:)
लेखक से सम्पर्क के लिए इस वेबपते पर जाएँ
http://pankajoudhia.com/contactus_pankaj.htm
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क्या पैराप्लेजिया से प्रभावितों की गुज़ारिश सुन उन्हें राहत दे पायेगा पारम्परिक ज्ञान?
मोटरसाइकिल पर जा रहे उस व्यक्ति को ट्रक ने ठोकर मारी और उसका सिर फट गया| वह बेसुध होकर गिर पडा| जब उसे अस्पताल पहुंचाया गया तो उसके बचने की उम्मीद नहीं के बराबर थी| डाक्टरों ने अथक मेहनत से उसकी जान तो बचा ली पर इस दुर्घटना ने उसे लाचार बना दिया| कंधे के नीचे रीढ़ पर आयी चोट ने उसके नीचे के भाग को सुन्न कर दिया पूरी तरह से| उसके परिजनों ने एडी चोटी का जोर लगा दिया पर दो वर्षों में बाद वे निराश हो गए| उस व्यक्ति को भी यह आभास हो गया कि अब ऐसे ही उसे जिन्दगी काटनी होगी| मल-मूत्र के विसर्जन से लेकर सभी दैनिक कार्यों के लिए उसे एक मददगार की जरूरत पड़ेगी| यह घटना १५ वर्ष पुरानी है| आज सुबह मैं उस जीवन से संघर्ष कर रहे व्यक्ति के सामने खड़ा था|
पिछली रात बड़ी विचित्र सपनो से भरी थी| नियमित आठ घंटे की नींद साढ़े पांच घंटों में ही समाप्त हो गयी| उस व्यक्ति से मिलने जाने की आज कोई योजना नहीं थी पर अचानक ही मन में ख्याल आया कि आज उससे मिल ही लिया जाए| घर से साठ-सत्तर किलोमीटर की दूरी कार से तय करनी थी| ड्रायवर को बुला लिया और फिर वहां की राह पकड़ी|
इस व्यक्ति के दोनों हाथ काम कर रहे हैं ऐसा मुझे बताया गया पर आम लोगों की तरह नहीं| मेडीकल साइंस में इसे पैराप्लेजिया (Paraplegia) कहते हैं| ज्यादातर केसों में चिकित्सक हाथ खड़े कर देते हैं और प्रभावितों को जीवन की कठिन राह में चलाने के लिए प्रेरित किया जाता है| प्रभावितों के परिजन भी पहले बहुत प्रयास करते हैं फिर जीवन के इस सच को स्वीकार लेते हैं| आयुर्वेद और दूसरे देसी पद्धतियों में आमतौर पर ऐसे मरीजों की मालिश की जाती है ताकि सुन्न भाग फिर से सक्रीय हो जाए पर ज्यादातर मामलों में लाभ नहीं के बराबर होता है| अंत में देसी चिकित्सक भी हाथ खड़े कर देते हैं| आधुनिक विज्ञान में लाइलाज कहे जाने वाले इस मर्ज के प्रति मेरी दिलचस्पी काफी पहले से है| इस दिलचस्पी ने मुझे प्रेरित किया कि मैं ऐसी जड़ी-बूटियों की खोज में एडी चोटी का जोर लगाऊँ जो प्रभावितों को कुछ राहत दिलवा सके| मैंने भुलाई जा चुकी पारम्परिक चिकित्सा विधियों को फिर से प्रयोग में लाने का भी प्रयास किया| मैं पैराप्लेजिया से प्रभावितों के बारे में जानकारी मिलते ही उनसे मिलने का प्रयास करता हूँ और फिर अपनी सेवायें देने का प्रस्ताव रखता हूँ| अब तक के सभी मामलों में मेरा स्वागत ही हुआ है और मैंने उनका जीवन आसान करने में अपने ज्ञान का भरपूर उपयोग किया है|
सबसे पहले मैं प्रभावित की वास्तविक स्थिति जानने का प्रयास करता हूँ| इसके लिए मेरे पास दसों औषधीय मिश्रण हैं जिन्हें शरीर के अलग-अलग भागों में लगाकर मै प्रभावितों के शरीर में होने वाली प्रतिक्रियाओं का अध्ययन करता हूँ और जैसे ही सही स्थिति का पता लगता है अनोखी चिकित्सा आरम्भ हो जाती है| अनोखी इसलिए क्योंकि इस चिकित्सा के बारे में हमारे प्राचीन और आधुनिक ग्रन्थ कुछ भी नहीं कहते हैं जबकि इन्ही ग्रंथों में वर्णित मूल सिद्धांतों पर चिकित्सा आधारित होती है| अनोखी इस लिए भी क्योंकि हर प्रभावित के लिए यह विशेष हो जाती है| पूरी तरह व्यक्ति विशेष के लिए तैयार की गयी उपचार विधि| एक मायने में अनोखी इसलिए भी कि इस उपचार को समय में नहीं बांधा जा सकता| जब मैं सालों में लाभ की उम्मीद करता हूँ तो बहुत बार प्रभावितों की जीवनी शक्ति के कारण हफ़्तों में अच्छे परिणाम मिलने लगते हैं| कई बार अच्छी शुरुआत कुछ समय बाद जस की तस रुक जाती है और फिर शुरू होता है दौर उपचार को और अधिक कारगर बनाने का|
आज भी जब परीक्षण के लिए उपयोग किये गए औषधीय मिश्रणों ने सकारात्मक परिणाम दिखाए तो मन में उत्साह का संचार हुआ और पहली मुलाक़ात में ही मैंने बहुत से सरल उपाय उन्हें सुझाए| बरसों से दबी उम्मीद की किरण बादलों की ओट से झांकती नजर आयी| मैं जिस अनोखी पद्धति पर काम करता हूँ उसके लिए आवश्यक सामग्री बड़ी मुश्किल से मिलती है| प्रभावितों के परिजन हाथ खड़े कर देते हैं और अनुरोध करते हैं ये सामग्री मैं ही ले आऊँ| इन सामग्रियों के लिए जंगलों और दूरस्थ इलाकों में भटकना निश्चित ही नए अनुभव प्राप्त करने का मौक़ा देता है पर इससे दूसरे प्रभावितों तक पहुंचने के अवसर कम हो जाते हैं| प्रभावितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मुझे लगता है कि कुछ व्यवस्थित ढंग से काम करना होगा ताकि सामग्रियां भी मिल जाएँ और नए लोगों से मुलाक़ात भी हो जाए|
देर शाम वापस लौटा तो घर में एक नयी फिल्म इन्तजार कर रही थी| यह फिल्म थी गुजारिश| पैराप्लेजिया से अधिक जटिल क्वाद्रीप्लेजिया (Quadriplegia) के मरीज की कहानी| ऋतिक रोशन ने इस किरदार को बखूबी निभाया है| मुझे तो बस वास्तविक जीवन में इस फिल्म के नायक से अधिक कष्ट सह रहे उस व्यक्ति का चेहरा घूमता रहा जिससे मैं मिलकर आ रहा था| काफी देर तक मन उदास रहा| फिल्म चलती रही और फिर उसके खत्म होते ही मैंने अपने डेटाबेस को खंगालना शुरू किया ताकि मैं उस व्यक्ति को अधिकतम लाभ पहुंचा सकूं और मेडीकल साइंस की डिक्शनरी से लाइलाज रोगों की सूची सदा के लिए खत्म कर सकूं| (क्रमश:)
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Updated Information and Links on March 09, 2012
Related Topics in Pankaj Oudhia’s Medicinal Plant Database at http://www.pankajoudhia.com
Centratherum anthelminticum (L.) KUNTZE in Pankaj Oudhia’s
Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for
Anal Fistula (Fistula-in-ano): Bhagandar
ke liye Aak ke doodh ka Prayog (4 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of
Jharkhand; Mentioned in ancient literature related to different systems of
medicine in India and other countries; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: भगन्दर के
लिए आक के दूध का प्रयोग),
Centrosema pubescens BENTH. in Pankaj Oudhia’s Research
Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Anal
Fistula (Fistula-in-ano): Bhagandar ke
liye Aak ke doodh ka Prayog (12 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of
Gujarat; Not mentioned in ancient literature related to different systems of
medicine in India and other countries; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: भगन्दर के
लिए आक के दूध का प्रयोग),
Centrostachys aquatica (R.BR.) WALL.EX MIQ. in Pankaj
Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal
Practices) for Anal Fistula (Fistula-in-ano):
Bhagandar ke liye Aak ke doodh ka Prayog (50 Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Gujarat; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; पंकज अवधिया
के शोध दस्तावेज: भगन्दर के लिए आक के दूध का प्रयोग),
Ceratophyllum demersum L. in Pankaj Oudhia’s Research
Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Anal
Fistula (Fistula-in-ano): Bhagandar ke
liye Aak ke doodh ka Prayog (5 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of
Maharashtra; Not mentioned in ancient literature related to different systems
of medicine in India and other countries; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: भगन्दर के
लिए आक के दूध का प्रयोग),
Ceropegia tuberosa ROXB. in Pankaj Oudhia’s Research Documents
on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Anal Fistula
(Fistula-in-ano): Bhagandar ke liye Aak
ke doodh ka Prayog (8 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Maharashtra;
Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in
India and other countries; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: भगन्दर के लिए आक के दूध का प्रयोग),
Chenopodium album L. in Pankaj Oudhia’s Research Documents
on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Anal Fistula
(Fistula-in-ano): Bhagandar ke liye Aak
ke doodh ka Prayog (9 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Maharashtra;
Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in
India and other countries; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: भगन्दर के लिए आक के दूध का प्रयोग),
Chlorophytum arundinaceum BAKER in Pankaj Oudhia’s Research
Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Anal
Fistula (Fistula-in-ano): Bhagandar ke
liye Aak ke doodh ka Prayog (7 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of
Jharkhand; Not mentioned in ancient literature related to different systems of
medicine in India and other countries; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: भगन्दर के
लिए आक के दूध का प्रयोग),
Chlorophytum tuberosum BAKER in Pankaj Oudhia’s Research
Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Anal
Fistula (Fistula-in-ano): Bhagandar ke
liye Aak ke doodh ka Prayog (53 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of
Gujarat; Not mentioned in ancient literature related to different systems of
medicine in India and other countries; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: भगन्दर के
लिए आक के दूध का प्रयोग),
Chloroxylon swietenia DC. in Pankaj Oudhia’s Research
Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Anal
Fistula (Fistula-in-ano): Bhagandar ke
liye Aak ke doodh ka Prayog (170 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of
Chhattisgarh; Not mentioned in ancient literature related to different systems
of medicine in India and other countries; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: भगन्दर के
लिए आक के दूध का प्रयोग),
Chrozophora plicata A. JUSS. in Pankaj Oudhia’s Research
Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Anal
Fistula (Fistula-in-ano): Bhagandar ke
liye Aak ke doodh ka Prayog (12 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of
Maharashtra; Not mentioned in ancient literature related to different systems
of medicine in India and other countries; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: भगन्दर के
लिए आक के दूध का प्रयोग),
Chrozophora prostrata DALZ . in Pankaj Oudhia’s Research
Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Anal
Fistula (Fistula-in-ano): Bhagandar ke
liye Aak ke doodh ka Prayog (21 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of
Maharashtra; Not mentioned in ancient literature related to different systems
of medicine in India and other countries; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: भगन्दर के
लिए आक के दूध का प्रयोग),
Chrysanthemum indicum L. in Pankaj Oudhia’s Research
Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Anal
Fistula (Fistula-in-ano): Bhagandar ke
liye Aak ke doodh ka Prayog (54 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of
Gujarat; Not mentioned in ancient literature related to different systems of
medicine in India and other countries; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: भगन्दर के
लिए आक के दूध का प्रयोग),
Spilanthes paniculata WALL. EX DC. and Lantana camara L. (Gotiphool)
with other Herbal Ingredients: Research Documents (Medicinal Plants of
Chhattisgarh, India) from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plants Database
(Traditional Knowledge Database) on use of Alien Invasive species as additional
ingredient in Traditional Indigenous Herbal Medicines (Herbal Formulations) for
Teeth- pain, tearing .
Spinacia oleracea L. and
Lantana camara L. (Gotiphool) with other Herbal Ingredients: Research Documents
(Medicinal Plants of Chhattisgarh, India) from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plants
Database (Traditional Knowledge Database) on use of Alien Invasive species as
additional ingredient in Traditional Indigenous Herbal Medicines (Herbal
Formulations) for Throat- scraping .
Spondias pinnata (L.F.) KURZ. and Lantana camara L.
(Gotiphool) with other Herbal Ingredients: Research Documents (Medicinal Plants
of Chhattisgarh, India) from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plants Database
(Traditional Knowledge Database) on use of Alien Invasive species as additional
ingredient in Traditional Indigenous Herbal Medicines (Herbal Formulations) for
Rectum- pain, burning
Stachytarpheta jamaicensis (L.) VAHL and Lantana camara L.
(Gotiphool) with other Herbal Ingredients: Research Documents (Medicinal Plants
of Chhattisgarh, India) from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plants Database
(Traditional Knowledge Database) on use of Alien Invasive species as additional
ingredient in Traditional Indigenous Herbal Medicines (Herbal Formulations) for
External Throat- pain, sides .
Stellaria media WIGHT EX EDGEW. and Lantana camara L.
(Gotiphool) with other Herbal Ingredients: Research Documents (Medicinal Plants
of Chhattisgarh, India) from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plants Database
(Traditional Knowledge Database) on use of Alien Invasive species as additional
ingredient in Traditional Indigenous Herbal Medicines (Herbal Formulations) for
Stomach- appetite, gnawing .
Stemodia viscosa ROXB. and Lantana camara L. (Gotiphool)
with other Herbal Ingredients: Research Documents (Medicinal Plants of Chhattisgarh,
India) from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plants Database (Traditional Knowledge
Database) on use of Alien Invasive species as additional ingredient in
Traditional Indigenous Herbal Medicines (Herbal Formulations) for Stomach-
appetite, increased .
Stephania glabra (THUNB.) MIERS. and Lantana camara L.
(Gotiphool) with other Herbal Ingredients: Research Documents (Medicinal Plants
of Chhattisgarh, India) from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plants Database
(Traditional Knowledge Database) on use of Alien Invasive species as additional
ingredient in Traditional Indigenous Herbal Medicines (Herbal Formulations) for
Genitalia- female, soft, uterus, feels as if
Sterculia urens ROXB. and Lantana camara L. (Gotiphool) with
other Herbal Ingredients: Research Documents (Medicinal Plants of Chhattisgarh,
India) from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plants Database (Traditional Knowledge
Database) on use of Alien Invasive species as additional ingredient in
Traditional Indigenous Herbal Medicines (Herbal Formulations) for Chest-
palpitation heart, eating, after
Sterculia villosa ROXB. and Lantana camara L. (Gotiphool)
with other Herbal Ingredients: Research Documents (Medicinal Plants of
Chhattisgarh, India) from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plants Database
(Traditional Knowledge Database) on use of Alien Invasive species as additional
ingredient in Traditional Indigenous Herbal Medicines (Herbal Formulations) for
Stomach- appetite, ravenous, canine, excessive .
Stereospermum chelonoides (L.F.) DC. and Lantana camara L.
(Gotiphool) with other Herbal Ingredients: Research Documents (Medicinal Plants
of Chhattisgarh, India) from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plants Database
(Traditional Knowledge Database) on use of Alien Invasive species as additional
ingredient in Traditional Indigenous Herbal Medicines (Herbal Formulations) for
Back- coldness, extending, down Back.
Stereospermum colais (DILLWYN) MABB. and Lantana camara L.
(Gotiphool) with other Herbal Ingredients: Research Documents (Medicinal Plants
of Chhattisgarh, India) from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plants Database
(Traditional Knowledge Database) on use of Alien Invasive species as additional
ingredient in Traditional Indigenous Herbal Medicines (Herbal Formulations) for
Stomach- appetite, ravenous, emaciation, with .
Streblus asper LOUR. and Lantana camara L. (Gotiphool) with
other Herbal Ingredients: Research Documents (Medicinal Plants of Chhattisgarh,
India) from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plants Database (Traditional Knowledge
Database) on use of Alien Invasive species as additional ingredient in
Traditional Indigenous Herbal Medicines (Herbal Formulations) for Stomach-
appetite, ravenous, marasmus, with .
Striga asiatica (L.) KUNTZE and Lantana camara L.
(Gotiphool) with other Herbal Ingredients: Research Documents (Medicinal Plants
of Chhattisgarh, India) from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plants Database
(Traditional Knowledge Database) on use of Alien Invasive species as additional
ingredient in Traditional Indigenous Herbal Medicines (Herbal Formulations) for
Back- coldness, dorsal region, scapulæ, between
Strobilanthes lupulinus NEES and Lantana camara L.
(Gotiphool) with other Herbal Ingredients: Research Documents (Medicinal Plants
of Chhattisgarh, India) from Pankaj Oudhia’s Medicinal Plants Database
(Traditional Knowledge Database) on use of Alien Invasive species as additional
ingredient in Traditional Indigenous Herbal Medicines (Herbal Formulations) for
Stomach- appetite, wanting .
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