डायलिसिस से वापसी सम्भव है विसिया जैसी अनमोल वनस्पतियों की सहायता से: पंकज अवधिया की जंगल डायरी (जून २० , २०१५ से आगे )

डायलिसिस से वापसी सम्भव है विसिया जैसी अनमोल  वनस्पतियों की सहायता से:  पंकज अवधिया की जंगल डायरी  (जून २० , २०१५  से आगे ) 

दिल्ली से एक शोधार्थी का फोन आता है कि वह किडनी  के रोगों पर शोध कर रहा है और विसिया नामक वनस्पति के माध्यम से  किडनी रोगों की चिकित्सा के कारगर उपाय खोज रहा है. उसकी शिकायत है कि मैंने  ६०० से अधिक घंटों की फिल्म तो तैयार कर दी पर विसिया पर ज्यादा कुछ नही बताया। उसकी शिकायत अपनी जगह पर सही है पर  यह भी सत्य है कि किडनी  के रोगों पर मेरा कार्य अभी पूरी तरह से नेट पर नही आया है. अपलोड की प्रतीक्षा कर रहे कार्यों में विसिया से संबंधित अनगिनत नुस्खे भी हैं. 

विसिया  की सहायता से  किडनी रोगों की चिकित्सा के विषय में न ही प्राचीन विशेषज्ञों ने  लिखा और न ही आधुनिक शोधकर्ताओं ने इसमें रूचि दिखाई। पिछले महीने ही मुंबई से परामर्श के लिए आये एक व्यक्ति को मैंने विसिया पर आधारित पारम्परिक औषधीय मिश्रणों को लेने का सुझाव दिया। उनके निज चिकित्स्क मुंबई के जाने-माने नेफ्रोलॉजिस्ट भी साथ आये थे और उनका मानना था कि एक बार डायलिसिस शुरू  हो जाने पर फिर वापसी सम्भव नही है पर विसिया जैसी औषधीय वनस्पतियों पर आधारित पारम्परिक नुस्खों ने आधुनिक  चिकितसकों के इस मत को अनगिनत बार  झुठलाया है. 

विसिया पर महाराष्ट्र के विदर्भ के पारम्परिक चिकित्सक से चर्चा करते समय बार-बार ५५ ऐसी औषधीय वनस्पतियों का  जिक्र आया जिनके साथ विसिया किडनी रोगों में अमृत  की तरह कार्य करती है. इन ५५ वनस्पतियों पर आश्चर्यजनक रूप से महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, उड़ीसा जैसे राज्यों के पारम्परिक चिकितसकों की राय एक है यद्यपि  इनके प्रयोग का तरीका अलग-अलग है.       











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