डायबीटीज के रोगियों को जश्न का अवसर दे सकती हैं छग की औषधीय वनस्पतियाँ
डायबीटीज के रोगियों को जश्न का अवसर दे सकती हैं छग की औषधीय वनस्पतियाँ * शक्कर के दुष्प्रभाव को रोकने वाली १७ औषधीय वनस्पतियों की पहचान * मधुमेह से सम्बंधित पारंपरिक चिकित्सकीय ज्ञान क्या यह संभव है कि वनस्पति विशेष के उपयोग के बाद मधुमेह रोगी जितनी भी मात्रा में मीठा खाए उन पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े? यदि छत्तीसगढ़ की पारंपरिक चिकित्सा के दृष्टिकोण से देखा जाये तो यह संभव है| राज्य में किये गए वानस्पतिक सर्वेक्षण से यह खुलासा हुआ है| राज्य में औषधीय वनस्पतियों से सम्बन्षित पारंपरिक चिकित्सकीय ज्ञान का दस्तावेजीकरण कर रहे वनौषधि विशेषज्ञ पंकज अवधिया ने नवभारत के माध्यम से यह बताया कि राज्य में अब तक १७ प्रकार की ऐसी औषधीय वनस्पतियों की पहचान हो चुकी है जो मधुमेह विशेषकर टाइप टू डायबीटीज के रोगियों के लिए वरदान सिद्ध हो सकती हैं| पारम्परिक चिकित्सा में इन वनस्पतियों का प्रयोग तब किया जाता है जब मधुमेह से प्रभावित व्यक्ति को ऐसे किसी समारोह या उत्सवों में शामिल होना होता है जहां खाने-पीने पर अंकुश लगाना मुश्किल होता है| काढ़े की एक खुराक तीन दिनों तक शक्कर के दुष्प्रभाव से