मधुमेह के लिए बबूल की गोंद के प्रयोग पर पंकज अवधिया के अनुभव
मधुमेह के लिए बबूल की गोंद के प्रयोग पर पंकज अवधिया के अनुभव चिकित्सा से संबंधित विश्व साहित्य यह बताते हैं कि अफ्रीका के पारंपरिक चिकित्सक बबूल की गोंद का प्रयोग मधुमेह यानी डायबिटीज की चिकित्सा में करते हैं. दुनिया भर के पारंपरिक चिकित्सक बबूल की गोंद के इस गुण से भली भांति परिचित है. नेपाल में मधुमेह की चिकित्सा में प्रयोग होने वाले 11000 से अधिक पारंपरिक नुस्खों में बबूल की गोंद को महत्वपूर्ण घटक के रुप में शामिल किया जाता है. श्रीलंका की पारंपरिक चिकित्सा में प्रयोग होने वाले 7000 से अधिक नुस्खों में बबूल की गोंद का इस तरह प्रयोग किया जाता है. हमारे देश में 85000 से अधिक पारंपरिक नुस्खों में बबूल की गोंद का प्रयोग किया जाता है. ये नुस्खे न केवल मधुमेह की चिकित्सा में काम आते हैं बल्कि आम लोगों को मधुमेह से बचाते भी है. मधुमेह के लिए छत्तीसगढ़ के पारंपरिक चिकित्सक बबूल की गोंद का सीधा प्रयोग बहुत कम करते हैं. वे इसे दूसरी वनस्पतियों के साथ देते हैं. बबूल की गोंद के साथ वे 850 से अधिक प्रकार की वनस्पतियों का प्रयोग करते हैं पर उनका साफ कहना है क