स्वाइन फ्लू: नाक और मुँह बन्द रखे पर दिमाग खुला
स्वाइन फ्लू: नाक और मुँह बन्द रखे पर दिमाग खुला - पंकज अवधिया “लगातार उल्टियाँ हो रही है। बच्चे की हालत बहुत खराब हो रही है। हमने तो जैसा बताया गया था वैसे ही काढा लिया था। गिलोय भी नर्सरी वाले से लिया था। क्या आप कुछ मदद कर सकते है?“आज सुबह मुम्बई से आये एक फोन मे यह घबरायी हुयी आवाज सुनायी दी। मैने उन्हे जवाब दिया कि गिलोय के प्रयोग से ऐसा होना तो नही चाहिये। आप बच्चे को अस्पताल ले जाये और सारी बाते साफ-साफ चिकित्सक को बता दे। यदि सम्भव हो तो जिस गिलोय का काढा आपने बनाया था उसकी तस्वीर मुझे भेज दे ताकि मै यह सुनिश्चित कर सकूँ कि आपने सही वनस्पति का इस्तमाल किया था। फोन करने वाले सज्जन ने आनन-फानन मे तस्वीरे ई-मेल कर दी। मैने तस्वीर ध्यान से देखी तो सारा माजरा समझ मे आ गया। नर्सरी वाले ने गिलोय का तना देने की बजाय जड दे दी थी। जड का रस या काढा लेने से तुरंत उल्टियाँ शुरु हो जाती है और जब तक विष शरीर से बाहर नही निकल जाता उल्टियाँ होती रहती है। वे सज्जन यदि पारम्परिक चिकित्सको के पास होते तो वे रीठा पानी पीने को दे